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बू-रियांग ऐतिहासिक समझौता

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बू-रियांग

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में 16 जनवरी, 2020 को नई दिल्ली में भारत सरकार, त्रिपुरा और मिजोरम सरकार और बूरियांग प्रतिनिधियों के बीच में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
इस नए समझौते से करीब 23 वर्षों से चल रही इस बड़ी मानव समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा व करीब 34 हजार व्यक्तियों को त्रिपुरा में बसाया जाएगा।


इस समझौते के अन्तर्गत ब्रू-रियांग को पुनर्स्थापित करने का यह मुद्दा त्रिपुरा और मिजोरम राज्य सरकारों व ब्रूरियांग प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श कर एक नई व्यवस्था बनाने का फैसला किया, जिसके अन्तर्गत वे सभी ब्रूरियांग परिवार जो त्रिपुरा में ही बसना चाहते हैं और उनके लिए त्रिपुरा में ही व्यवस्था करने का फैसला किया है।

इन सभी लोगों को राज्य के नागरिकों के सभी अधिकार दिए जाएंगे और वे केन्द्र व राज्य सरकारों की सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।

इस नए समझौते के बाद ये ब्रू-रियांग परिवार अपना सर्वांगीण विकास करने में समर्थ होंगे इस नए समझौते को करने के लिए भारत सरकार को त्रिपुरा व मिजोरम सरकारों, ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों का पूरा समर्थन मिला है।

इस नई व्यवस्था के अन्तर्गत विस्थापित परिवारों को 40x30 फुट का आवासीय प्लॉट दिया जाएगा और उनकी आर्थिक सहायता के लिए प्रत्येक परिवार को पहले समझौते के अनुसार ₹ 4 लाख फिक्स्ड डिपॉजिट में, दो वर्ष तक ₹ 5 हजार प्रतिमाह नकद सहायता, दो वर्ष तक फ्री राशन व मकान बनाने के लिए ₹ 1.5 लाख दिए जाएंगे।

इस नई व्यवस्था के लिए त्रिपुरा सरकार भूमि की व्यवस्था करेगी।

आज भारत सरकार, त्रिपुरा और मिजोरम सरकार और ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच यह नया समझौता हुआ है जिसमें करीब ₹ 600 करोड़ की सहायता केन्द्र द्वारा दी जाएगी।

पृष्ठभूमि--

वर्ष 1997 में जातीय तनाव के कारण करीब 5,000 बू-रियांग परिवारों ने, जिसमें करीब 30,000 व्यक्ति थे, मिजोरम से त्रिपुरा में शरण ली जिनको वहाँ कंचनपुर, उत्तरी त्रिपुरा में अस्थायी शिविरों में रखा गया।

वर्ष 2010 से भारत सरकार लगातार प्रयास करती रही है कि इन ब्रू-रियांग परिवारों को स्थायी रूप से बसाया जाए।
वर्ष 2014 तक विभिन्न बैचों में 1622 ब्रू-रियांग परिवार मिजोरम वापस गए।

ब्रू-रियांग विस्थापित परिवारों की देखभाल व पुनर्स्थापन के लिए भारत सरकार त्रिपुरा व मिजोरम सरकारों की सहायता करती रही है।

3 जुलाई, 2018 को भारत सरकार, मिजोरम व त्रिपुरा सरकार व ब्रू-रियांग प्रतिनिधियों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके उपरान्त ब्रू-रियांग परिवारों को दी जाने वाली सहायता में काफी बढ़ोत्तरी की गई।

समझौते के उपरान्त वर्ष 2018-19 में 328 परिवार, जिसमें 1369 व्यक्ति थे, त्रिपुरा से मिजोरम इस नए समझौते के तहत् वापस गए।

अधिकांश ब्रू-रियांग परिवारों की यह माँग थी कि उन्हें सुरक्षा की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए त्रिपुरा में ही बसा दिया जाए।

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