नूरजहाँ कौन थीं ?

नूरजहाँ






कालीबंगा क्या है ?


नूरजहाँ ईरान के निवासी मिर्जा ग्यासबेग की पुत्री थी। 


उसका वास्तविक नाम मेहरुन्निसा था।  

उसके पिता ने उसका विवाह एक सैनिक 'शेर अफगन' से कर दिया।  
शेर अफगन की 1607 में मृत्यु के बाद उसकी सुन्दरता और व्यक्तित्व पर मुग्ध जहाँगीर ने 1611 में मेहरुन्निसा से विवाह कर उसे 'नूरमहल' की उपाधि प्रदान की।  

नूरजहाँ का इतना प्रभाव था कि उसकी अनुमति के बिना शासन का कोई भी कार्य नहीं हो सकता था।  

'नूरजहाँ' का प्रभाव लगातार बढ़ता ही गया।  
शासन की वास्तविक शक्ति उसी के हाथ में आ गई।  

उसने अपने सम्बन्धियों को उच्च पदों पर नियुक्त किया।  
अब उसी के हस्ताक्षर से सभी शाही फरमान जारी होने लगे। 
सिक्कों पर उसका नाम अंकित होने लगा।  
नूरजहाँ ने अपना एक गुट बना लिया था, जिसका शासन में बहुत अधिक प्रभाव था।  

उसने खुर्रम के सहयोग से खुसरो को अपने रास्ते से हटाया और अपने दामाद शहरयार को खूब बढ़ावा दिया।  

नूरजहाँ के इस परम्परागत चित्रण को आधुनिक शोध कार्य ने नकार दिया है।  
प्रो. नूरुल हसन व इरफान हबीब नूरजहाँ द्वारा गुटबन्दी करने या परिवारीजनों को आगे बढ़ाने की बात को सत्य नहीं मानते हैं।  

अपने शासन के दौरान उसने एक कुशल प्रशासिका एवं महान कूटनीतिज्ञ महिला का परिचय दिया।  

कुशल शासिका होने के साथ-साथ वह उदार हृदय तथा दीन-दुःखियों की सेवा करने वाली महिला थी। 

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