चोपानी माण्डो क्या है ?

चोपानी माण्डो




कालीबंगा क्या है ?

चोपानी माण्डो मध्य पाषाण काल से सम्बन्धित पुरास्थल है, जो प्रयागराज के निकट मेजा तहसील में बुढ़ी बेलन नदी के बाएं तट पर स्थित है।  

इस पुरास्थल की खोज 1967 ई. में बी. बी. मिश्रा द्वारा की गई। 




चोपानी माण्डो का क्षेत्रफल 15,000 वर्ग मीटर है, जिसमें लघु पाषाण उपकरण, विभिन्न प्रकार के पत्थर के टुकड़े, घिसे हुए बटिकाश्म (पेबल) आदि प्राप्त हुए हैं।  

इस क्षेत्र के उत्खनन से उत्तरी विन्ध्य क्षेत्र की मध्य पाषाणिक संस्कृति पर नया प्रकाश पड़ा है।  

चोपानी माण्डो के उत्खनन के फलस्वरूप मध्य पाषाणकाल के तीन सांस्कृतिक उपकालों के विषय का पता चला है, यहाँ से प्रारम्भिक मध्य पाषाणकाल एवं विकसित मध्य पाषाणकाल का अभिज्ञान होता है।  

प्रारम्भिक मध्य पाषाणकाल के गोलाकार पाँच झोपड़ियों के साक्ष्य मिले हैं।  

विकसित मध्य पाषाणकाल अथवा आद्य नव पाषाणकाल में ज्यामितीय लघु पाषाण उपकरणों के साथ-साथ हस्तनिर्मित मदभाण्ड भी मिले हैं। 

प्रमुख उपकरणों में समानान्तर अथवा कुण्ठित पार्श्व वाले ब्लेड, बेघक, चन्द्रिका, त्रिभुज, विषमबाहु, समलम्ब, चतुर्भुज, खरचनी आदि उल्लेखनीय यहाँ पर लाल तथा धूसर दो रंगों के मृदभाण्ड मिले हैं, जिन पर खण्डों में ठप्पा लगाकर सतह पर डिजाइन बनाई गई है। 

बर्तनों की बाहरी सतह पर फूल-पत्ती तथा शंख जैसी छाप मिलती है। 

 पुरातात्विक आधार पर 1700 से 7000 ई. पू. के बीच चोपानी माण्डो के सम्पूर्ण सांस्कृतिक जमाव की तिथि आँकी गई है। 

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