महमूद बेगड़ा कौन था ?

महमूद बेगड़ा



महमूद बेगड़ा सन 1459 ई. में अहमदशाह के पश्चात् गुजरात का शासक बना।  

अहमदशाह ने 1511 ई. तक गुजरात पर शासन किया। 

महमूद बेगड़ा गुजरात का सबसे प्रसिद्ध सुल्तान था।  
उसे बेगड़ा इसलिए कहा जाता था कि उसने दो अत्यन्त शक्तिशाली गढ़ों को सौराष्ट्र (अब जूनागढ़) में गिरनार और दक्षिण गुजरात में चम्पानेर को जीता था।  

सुल्तान ने मुस्तफाबाद नामक नए शहर की स्थापना की, जो गुजरात की द्वितीय राजधानी बनी।  

इटली का यात्री वारथेमा उसका समकालीन विदेशी यात्री था।  

महमूद बेगड़ा ने मिस्र के सुल्तान कनसवा-अल-गौरी के साथ मिलकर भारतीय सागरों में पुर्तगालियों की बढ़ती शक्ति को दबाया।  

उसने चम्पानेर के निकट एक विशाल बाग-ए-फिरदौस (स्वर्गिक उपवन) की स्थापना की।  

संस्कृत के विद्वान् कवि उदयराज उसके दरबारी कवि थे।  
उन्होंने सुल्तान की प्रशंसा में महमूद चरित नामक काव्यग्रन्थ की रचना की।  

अपने शासन के अन्तिम वर्षों में महमूद बेगड़ा ने द्वारका को जीता। 
 इसका प्रमुख कारण समुद्री डाकुओं का उन्मूलन था, जो मक्का जाने वाले यात्रियों को लूट लेते थे, लेकिन इस अभियान में वहाँ के कई प्रसिद्ध हिन्दू मन्दिरों को भी ध्वस्त कर दिया गया।  

1508 ई. में चौल के युद्ध में जूनागढ़ के गवर्नर और मिस्र के मामलुक सुल्तान द्वारा प्रेषित नौ सैनिक बेड़ों ने पुर्तगालियों को पराजित किया।  
यात्री बारबोसा के अनुसार, महमूद को बचपन से ही जहर दिया जाता रहा था, जिससे यदि उसके हाथ पर कोई मक्खी बैठ जाती थी, तो वह तुरन्त सूज कर मर जाती थी।  

महमूद अपनी तीव्र क्षुधा के लिए भी विख्यात था।  

1461 ई. में महमूद ने दक्षिण राजस्थान में जालौर के मुस्लिम शासक को पराजित किया और उसे अपना अधीनस्थ शासक बना लिया, गुजरात उसके शासनकाल में सबसे अधिक शक्तिशाली और सुप्रशासित राज्य के रूप में उभरा। 


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