जलवायु स्मार्ट खेती (Climate Smart Agriculture)
जलवायु स्मार्ट खेती |
कृषि और किसान कल्याण मन्त्रालय के कृषि अनुसन्धान और शिक्षा विभाग और भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् द्वारा आयोजित बिम्सटेक देशों के लिए तीन दिवसीय स्मार्ट जलवायु कृषि प्रणालियों पर अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 11 दिसम्बर, 2019 को नई दिल्ली में सम्पन्न हुई।
सभी सात बिम्सटेक देश-भूटान, बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैण्ड और बिम्सटेक सचिवालय के प्रतिनिधि संगोष्ठी में भाग लिया।
इस अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्देश्य अनुभव साझा करना है ताकि पारिस्थितिक दृष्टिकोण से जलवायु परिवर्तन के लिए अधिक उत्पादकता और लचीलापन के लिए उष्ण-कटिबंधीय छोटे धारक कृषि प्रणालियों के सुधार को सक्षम बनाया जा सके।
जलवायु स्मार्ट कृषि (सीएसए) खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के आपस में जुड़े चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण है।
यह मूल रूप से तीन मुख्य उद्देश्यों का लक्ष्य रखता है।
1. सतत रूप से कृषि उत्पादकता में वृद्धि, कृषि आय, खाद्य सुरक्षा और विकास में न्यायसंगत बढोत्तरी में सहायता करने के लिए।
2. अनुकूल है और कई स्तरों पर जलवायु परिवर्तन के लचीलेपन
के निर्माण ;तथा
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3. ग्रीनहाउस (शीशे का मकान जिसमें फल-सब्जी/पौधे उगाए जाते हैं) गैस उत्सर्जन को जहाँ सम्भव हो कम करना और/या दूर करना।
यह खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा समर्पित हैं।
यह परियोजना खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन की परस्पर चुनौतियों का सामना करने के लिए बनाई गई है।
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