वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना क्या है ?

वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना

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वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना



केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, 1 जून, 2020 से पूरे भारत में वन नेशन, वन राशन कार्ड (One Nation, One | Ration Card) योजना लागू की जाएगी। 
 इस कार्ड को लागू हो जाने के बाद पूरे देश में एक ही तरह का राशन कार्ड होगा।  वर्तमान में यह योजना 1 जनवरी, 2020 से देश भर के 12 राज्यों में चालू है। 




राशन कार्डधारकों को देश के किसी भी कोने में खाद्यान्न लेने की सुविधा देने की सरकार की योजना है।  

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत् केवल गरीब परिवार को दो रुपये किलो गेहूँ व तीन रुपये किलो चावल दिया जाता है।  

अधिकांश राशन कार्डधारक मजदूरी के लिए देश के विभिन्न कोने में जाते हैं।  
बाहर होने से उन्हें खाद्यान्न नहीं मिल पाता है।  केंद्र सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से उपभोक्ता देश की किसी भी राशन दुकान पर जाकर खाद्यान्न ले सकता है।  

राशन कार्डधारकों को सम्बन्धित दुकान जाकर प्वाइंट ऑफ सेल्स मशीन में अंगूठा लगाना पडेगा। खाद्य मंत्रालय ने मख्य सर्वर तैयार कर किया है। 


16 राज्यों में पहले से ये योजना लागू की जा चुकी है। 
इससे पहले वर्ष 2019 में 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना का पायलट प्रॉजेक्ट चार राज्यों में लागू किया था।  

1 जनवरी, 2020 से पूरे भारत के 12 राज्यों में वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना लागू की गई।  इनमें मध्य प्रदेश, गोवा, त्रिपुरा, झारखंड, कर्नाटक, राजस्थान, केरल, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना शामिल हैं।  

इस योजना के अन्तर्गत पीडीएस के लाभार्थियों की पहचान उनके आधार कार्ड पर इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल डिवाइस से की जाती है।  

इसमें लाभार्थियों से सम्बन्धित विवरण फीड किए गए हैं। 

सरकार राज्यों को 10 अंकों का राशन कार्ड नम्बर जारी करेगी।  
इस नम्बर में पहले दो अंक राज्य कोड होंगे और अगले दो अंक राशन कार्ड नम्बर होंगे।  
इसके अतिरिक्त राशन कार्ड नम्बर के साथ एक और दो अंकों के सेट को जोड़ा जाएगा। 

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