प्लाज्मा थेरेपी क्या है ? | covid 19 प्लाज्मा थेरेपी क्या है ?

प्लाज्मा थेरेपी


प्लाज्मा थेरेपी क्या है ? | covid 19 प्लाज्मा थेरेपी क्या है ?, infonewshunts.blogspot.com

प्लाज्मा थेरेपी 



COVID-19 के लिए अभी तक कोई सटीक इलाज नहीं खोजा गया है लेकिन वायरस के प्रसार को निष्क्रिय करने वाली वैक्सीन, प्रमुख एंटीजन्स के एंटीबॉडीज, मोनोक्लोनल और आरएनए आधारित वैक्सीनों के विकास में भी प्रगति दर्ज की गई है। 

कुछ स्थानों पर कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी या प्लाज्मा थेरेपी भी शुरू कर दी गई है। 

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अनुसार, पहले से ही कई प्रकोपों जैसे कि SARS-CoV, H1N1, और MERS-CoV में रोगियों पर प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल किया जा चुका है। 

 जैसा कि COVID-19, SARS-CoV के समान है, हो सकता है कि प्लाज्मा थेरेपी प्रभावी और सुरक्षित साबित हो। 

साथ ही FDA ने ये भी कहा कि प्लाज्मा थेरेपी को सही इलाज के रूप में साबित करने के लिए अधिक नैदानिक परीक्षणों की आवश्यकता है। 

जब रोगजनक हमारे शरीर पर हमला करते हैं, तो हमारा इम्यून सिस्टम काम करना शुरू कर देता है और संक्रमण से लड़ने के लिए प्रोटीन निकालता है इन प्रोटीनों को एंटीबॉडी के रूप में जाना जाता है। 

यदि संक्रमित व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का उत्पादन करता है, तो वह एंटीबॉडी द्वारा खुद ही ठीक हो जाएगा। 

प्लाज्मा थेरेपी में COVID-19 से ठीक हुए व्यक्ति का रक्त, जो कि _एंटीबॉडी में समृद्ध है, अन्य गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है इसके तहत ठीक हो चुके लोगों के प्लाज्मा को मरीजों से ट्रांसफ्यूज किया जाता है। 

इस थेरेपी में एटीबॉडी का उपयोग किया जाता है, जो कि किसी वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में बनता है। 

यह एंटीबॉडी COVID-19 ठीक हो चुके मरीज के शरीर से निकालकर बीमार शरीर में डाल दिया जाता है। 

मरीज पर एंटीबॉडी का असर होने पर वायरस कमजोर होने लगता है इसके बाद मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। 

गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल इंस्टीट्यूट में संक्रामक रोगों के सलाहकार, नेहा गुप्ता के अनुसार, असामयिक या हल्के लक्षणों वाले व्यक्ति में इम्युनिटी जल्दी विकसित होती है या हम इसके विपरीत कह सकते हैं कि इम्युनिटी गंभीर रूप से बीमार COVID-19 रोगियों में बाद में विकसित होती है। 

डॉ. एसके सरीन के अनुसार, प्लाज्मा या कंवलसेंट प्लाज्मा तकनीक काफी पुरानी तकनीक है इसका दशकों से इस्तेमाल हो रहा है। 

उन्होंने यह भी कहा कि हमारे पास कोरोना का कोई इलाज नहीं है, लिहाजा यह गंभीर कोरोना मरीजों के लिए मददगार हो सकता है।

प्लाज्मा क्या है ?

प्लाज्मा थेरेपी क्या है ? | covid 19 प्लाज्मा थेरेपी क्या है ?, प्लाज्मा,एंटीबॉडी ,infonewshunts.blogspot.com,

प्लाज्मा

रक्त का तरल हिस्सा प्लाज्मा है यह पानी और प्रोटीन से बना होता है। 
यह लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स को शरीर के माध्यम से प्रसारित करने के लिए एक माध्यम प्रदान करता है।

इसमें इम्युनिटी के महत्वपूर्ण घटक भी होते हैं जिन्हें एंटीबॉडी के रूप में जाना जाता है।

एंटीबॉडी क्या है?

प्लाज्मा थेरेपी क्या है ? | covid 19 प्लाज्मा थेरेपी क्या है ?, प्लाज्मा,एंटीबॉडी ,infonewshunts.blogspot.com,

एंटीबॉडी

एंटीबॉडी हमारे शरीर में उत्पन्न होने वाला एक प्रोटीन है।

यह एंटीजन नामक बाहरी हानिकारक तत्वों से लड़ने में मदद करता है।
जब शरीर में एंटीजन प्रवेश करते हैं तब इम्यून सिस्टम एंटीबॉडीज बनाते है। 
एंटीबॉडीज एंटीजन के साथ जुड़कर एंटीजन को बांध देते हैं और साथ ही इनको निष्क्रिय भी कर देते हैं। 

यहीं आपको बता दें कि एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में हजारों की संख्या में  एंटीबॉडी होते हैं। 

यह अवधारणा एक सदी से भी अधिक समय की है जब 1890 में एक जर्मन फिजियोलॉजिस्ट एमिल वॉन बेडिंग (Emil von Behring) ने पाया कि जब उन्होंने डिप्थीरिया से संक्रमित खरगोश से सीरम लिया, तो यह डिप्थीरिया के कारण होने वाले संक्रमण को रोकने में प्रभावी था। 

अतीत में, कई प्रकार के प्रकोपों के दौरान एक ही प्रकार के उपचारों का उपयोग किया गया है, जिसमें स्पैनिश फ्लू महामारी 1918, डिप्थीरिया का प्रकोप 1920 इत्यादि शामिल हैं।

उस समय कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी या प्लाज्मा थेरेपी कम प्रभावी थी और इसके पर्याप्त दुष्प्रभाव भी थे। 

 इस थेरेपी को Ebola वायरस, 2003 में SARS और 2012 में MERS जैसे अन्य कोरोनावायरस रोगों के लिए आज़माया गया था। 

इस पद्धति का उपयोग बेहतर निष्कर्षण और स्क्रीनिंग तकनीकों के साथ किया गया था और यह पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और प्रभावी प्रतीत हुई। 

इस तकनीक में, COVID-19 से ठीक हुए मरीज से रक्त निकाला जाता है फिर सीरम को अलग किया जाता है और वायरस को बेअसर करने वाली एंटीबॉडी के लिए जांच की जाती है। 

सीरम जिसमें एंटीबॉडीज हैं को COVID-19 के रोगी को दिया जाता है, जिनमें गंभीर लक्षण पाए जाते हैं। 

ह्यूस्टन मेथोडोलॉजिस्ट (Houston Methodologist) के अनुसार, प्लाज्मा दान करने की प्रक्रिया में लगभग एक घंटे लगते हैं, जैसे की रक्त दान के दौरान लगते हैं। 

ऐसा कहा जाता है कि प्लाज्मा के डोनर्स को एक छोटे उपकरण से जोड़ दिया जाता है, जो प्लाज्मा को निकालता है, साथ ही साथ लाल रक्त कोशिकाओं को उनके शरीर में लौटाता है।

वहीं नियमित रक्त दान के दौरान, डोनर्स को दान करते वक्त के बीच लाल रक्त कोशिकाओं की प्रतीक्षा करनी पड़ती है।

प्लाज्मा के मामले में, इसे बार-बार दान किया जा सकता है, यानी कि सप्ताह में दो बार एंटीबॉडी से समृद्ध प्लाज्मा को COVID -19 से ठीक हुए मरीजों से लिया जाता है और फिर अन्य संक्रमित कोरोनावायरस रोगियों के रक्त प्रवाह में संचारित किया जाता है।

जब शरीर बैक्टीरिया या कीटाणुओं जैसे बाहरी रोगजनकों के संपर्क में आता है, तो यह स्वचालित रूप से एक रक्षा तंत्र शुरू करता है और एंटीबॉडी को जारी करना शुरू कर देता है। 

 शोधकर्ताओं के अनुसार, प्लाज्मा थेरेपी इतनी सरल नहीं होगी COVID 19 के मामले में जी कि एक नई महामारी है जहां अधिकांश रोगी वृद्ध हैं और पहले से ही उच्च रक्तचाप, मधुमेह इत्यादि जैसी अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, इसलिए यह थेरेपी कितनी प्रभावशील होगी रिसर्च के बाद ही पता चल पाएगा।

 चीन में एक अध्ययन में COVID-19 रोगियों के उपचार में, छोटे नमूने के आकार पर चिकित्सा को प्रभावी पाया गया अध्ययन में, यह दिया गया कि एक परीक्षण किया गया था जिसमें गंभीर लक्षणों वाले 10 वयस्क COVID-19 रोगियों को 200 ml की खुराक दी गई थी।

मरीजों में महत्वपूर्ण सुधार दिखा और सात रोगियों में वायरस बिना किसी गंभीर दुष्प्रभाव के गायब भी हो गया।

इस चिकित्सा में, बीमार केवल temporary passive immunisation प्राप्त करता है।  
यह मुख्य रूप से एक सप्ताह से कम समय तक रहता है जब तक कि इन्जेक्टेड एंटीबॉडीज रक्तप्रवाह में रहती हैं।  

एस्टन (Houston) में भी, ये ही परीक्षण किया गया और पाया कि तीन महत्वपूर्ण बीमार COVID-19 मरीजों को भी कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी से ठीक होने के संकेत दिखाई दिए। 

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के अनुसार, श्वसन वायरस के साथ पूर्व अनुभव और चीन से सामने आए आंकड़ों से पता चलता है कि प्लाज्मा थेरेपी में गंभीरता को कम करने या COVID-19 के कारण होने वाली बीमारी को कम करने की क्षमता है।

भारत में भी कंवलसेंट प्लाज्मा थेरेपी या प्लाज्मा थेरेपी को ट्रायल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है केरल इस चिकित्सा को आजमाने वाला देश का पहला राज्य है। 

चीन, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों ने भी इस चिकित्सा उपचार को इस्तेमाल किया है और ट्रायल चल रहा है। 

कुछ प्रमुख चिकित्सा पत्रिकाओं का कहना है कि शुरुआती परीक्षण
उत्साहजनक हैं। 

इसमें कोई संदेह नहीं है कि पूरा विश्व COVID-19 महामारी के लिए
वैक्सीन का इन्तेज़ार कर रहा है और हो सकता है कि प्लाज्मा थेरेपी उपचार में सहायक साबित हो।



श्री लालबहादुर शास्त्री कौन थे ?

चोपानी माण्डो क्या है ?


----------------------------------------------------------------------------------------------------

Comments