विश्व की विशालतम मधुमक्खी
विश्व की विशालतम मधुमक्खी |
मधुमक्खियों का वैज्ञानिक विधि एवं तौर-तरीकों से कृत्रिम लकड़ी गृहों में पालन करने को मधुमक्खी पालन -'एपीकल्चर' (Apiculture) कहते हैं तथा जो व्यक्ति इनका वैज्ञानिक विधि से पालन करता है, वह मधुमक्खी पालक (Apiculturist) कहलाता है।
हाल ही में, उत्तरी अमरीका एवं आस्ट्रेलियाई जीव वैज्ञानिकों के एक दल ने 'विश्व की विशालतम मक्खी' (World's Largest Bee) को पुन: खोजने में सफलता प्राप्त की है, जिसका वैज्ञानिक नाम 'मेगाचिली प्लूटो' (Megachile Pluto) है।
विश्व की सबसे बड़ी मधुमक्खी मोटेतौर पर मनुष्य के एक अंगूठे के आकार की होती है।
इस प्रकार की एक मादा मधुमक्खी की लम्बाई 4 सेमी होती है। 'आईयूसीएन' (IUCN) की रेडलिस्ट में इसे संवेदनशील (Vulnerable) की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
वैज्ञानिकों द्वारा इस प्रकार की एक जीवित मादा मधुमक्खी को इण्डोनेशिया के सुदूरवर्ती 'उत्तरी मोलुक्का' (North Molucca) क्षेत्र से खोजा गया।
उल्लेखनीय है कि भारत में पाए जाने वाली मधुमक्खियों में-सारंग (एपिस डोरसैटा), भारतीय मधुमक्खी (एपिस इण्डिका), मूंगा (एपिस फ्लोरा); डम्मर (मेलीपोना स्पीशीज) तथा यूरोपियन मधुमक्खी आती हैं।
भारत में मधुमक्खी पालन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र-ज्यूलीकोट, नैनीताल (उत्तराखण्ड1930), पूना (महा.-1962) आदि कार्यरत हैं।
सरसों-फसल क्षेत्रों में कृषक मधुमक्खी पालन करते हैं।
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